ख़ूब घात किए है इस धरती पर तूने अब इसे भुगत ये उऋण होने की क्रिया है। ख़ूब घात किए है इस धरती पर तूने अब इसे भुगत ये उऋण होने की क्रिया है।
शाख से पत्ते टूटे हैं...। शाख से पत्ते टूटे हैं...।
एक ओर हरा-भरा गाँव बजती हैं जानवरों के गले की घंटियाँ चरवाहों की हँसी के साथ दूसरी ओर रिसता है पीपल ... एक ओर हरा-भरा गाँव बजती हैं जानवरों के गले की घंटियाँ चरवाहों की हँसी के साथ दूस...
वृक्ष हमारी रक्षा करते हम उनको ना बख़्शा करते। तिल-तिल जलते सूर्यताप में वृक्ष किनारे सुस्ता कर... वृक्ष हमारी रक्षा करते हम उनको ना बख़्शा करते। तिल-तिल जलते सूर्यताप में वृ...
बन कर कदम बढ़ाता, वृक्ष साथी हमारा साथ दे जाता...! बन कर कदम बढ़ाता, वृक्ष साथी हमारा साथ दे जाता...!
कर प्रदूषण मुक्त धरा को,आने वाले कल को हम बचायेंगे । कर प्रदूषण मुक्त धरा को,आने वाले कल को हम बचायेंगे ।